सर में अपने गुरु के रूप में भगवान श्रीराम, चाणक्य ओर आपको देखता हूं,
उन दोनों में ओर आप में अंतर बस इतना है कि उनके जीवन चरित्र हमे सही राह दीखते है तो आप हमारा साक्षात मार्गदर्शन करते है,
गुरु पूर्णिया के शुभ दिन पर आप मेरा नमन स्वीकार कर हम सबको आशीर्वाद दे।